खूब चर्चा है आज काँटों में

खूब चर्चा है आज काँटों में तितलियाँ हैं गुलों की बाँहों में   फूल सबको सुगन्ध देते थे कल पढ़ेंगे ये हम किताबों में   कोई झोंका इन्हें भिड़ाता है तब भड़कती है आग बाँसों में   दिल जलाया तो रौशनी सी हुई रौशनी थी कहाँ चिराग़ों में   निर्झरों को सुक़ून मिलता है इक … Continue reading खूब चर्चा है आज काँटों में